
आम धारणा है कि सभी सांप खतरनाक होते हैं, लेकिन ऐसे सांपों के काटने से सिर्फ जख्म होता है, मौत दहशत के कारण हो जाती है। देश में जहरीले सांपों की 13 प्रजातियां हैं, जिनमें से चार बेहद जहरीले होते हैं- कोबरा (नाग), रस्सेल वाइपर, स्केल्ड वाइपर और करैत। देश में सबसे ज्यादा मौतें नाग या गेहुंवन व करैत के काटने से होती हैं।
उन्होंने कहा कि हमें याद रखना चाहिए कि सभी सांप खतरनाक नहीं होते, इसलिए सांप के काटने पर घबराना नहीं चाहिए। प्राथमिक उपचार के तौर पर सबसे पहले जहर को फैलने से रोकना चाहिए और मरीज को जल्दी से जल्दी किसी स्वास्थ्य केंद्र में पहुंचाना चाहिए।
सांप काट ले तो इन बातों को हमेशा याद रखें :
-पीड़ित को सांप से दूर ले जाएं और घबराहट दूर करने में उसकी मदद करें
-खुद को सुरक्षित रखते हुए सांप की प्रजाति का पता करें
-सांप के काटने वाली जगह पर कोई गहना पहने हों तो उसे उतार दें
-मरीज जूते पहना हो तो उतार दें, कपड़े सुविधाजनक हों तो न उतारें
-जख्म पर पट्टी बांध दें। पट्टी के लिए पेड़ की छाल, अखबार का टुकड़ा, स्लीपिंग बैग या बैकपैक फ्रेम का इस्तेमाल करें
-जख्म से छेड़छाड़ न करें, पट्टी बांधने के बाद नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर ले जाएं
-मरीज को बिल्कुल चलने न दें, क्योंकि मांसपेशियों की रगड़ से जहर तेजी से फैल सकता है
-मरीज को अपने मन से एस्प्रिन या कोई दर्द निवारक दवा बिल्कुल न दें
डॉ. अग्रवाल ने कहा कि आमतौर पर यह मिथक है कि सांप काटी जगह पर रक्त संचार बंद करने के लिए खूब कसकर पट्टी बांध देनी चाहिए और मुंह से खींचकर जहर निकाल देना चाहिए, लेकिन इन चीजों से परहेज करना चाहिए। दरअसल, इनसे नसों और रक्त धमनियों को नुकसान पहुंचने और संक्रमण होने का खतरा रहता है।
उन्होंने बताया कि मुंह से खींचने पर जहर बहुत कम निकलता है। दबाव वाली पट्टी बांधने से रक्त धमनियां फट सकती हैं और मरीज को गंभीर नुकसान पहुंचा सकती हैं।
Source: ibnlive
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