यह शब्द कानों में पड़ते ही अधिकांश लोगों को डर लगने लगता है कि कहीं घी खाना न पड़ जाए। लोगों को लगता है कि घी में जितनी वसा है, वह चर्बी के साथ वजन तो बढ़ाएगी ही, साथ ही दिल को भी नुकसान पहुंचाएगी। लेकिन कोई आपको कहे कि आपको मोटापा घटाना है तो देसी घी खाइए, आपकी प्रतिक्रिया कैसी होगी? जैसी भी हो! लेकिन आयुर्वेद कहता है कि घी शरीर के लिए बहुत फायदेमंद हो सकता है, बशर्ते आप नियम से और सही मात्रा में उपयोग करें।

क्या होता है देसी घी में
देसी घी में अनेक पोषक तत्व होते हैं। कैलोरीज तो होती हैं, लेकिन साथ ही इसमें शॉर्ट चेन फैटी एसिड भी होता है। यह एसिड न सिर्फ घी को जल्दी पचा देता है, बल्कि घी के साथ खाई अन्य चीजों को भी पचाने में सहयोग करता है। इसके अलावा भी कई पोषक तत्व होते हैं जो शरीर के लिए लाभदायक हैं। इसलिए कहा जाता है कि मोटापा घटाना है तो देसी घी खाइए।
न एक्स्ट्रा फैट, न अन्य बीमारियां
शुद्ध देसी घी वजन तो कम करता ही है, गंभीर बीमारियों का खतरा भी घटा देता है। खास बात यह है कि हाइड्रोजनीकरण से न बनने के कारण घी सही मात्रा में खाया जाए तो कभी भी एक्स्ट्रा फैट नहीं बनाता। वहीं, सीएलए इंसुलिन की कम मात्रा वजन में बढ़ोतरी और शुगर जैसी दिक्कतें का खतरा घटा देती है।
देसी घी तो गुणों की खान है
1. देसी घी में कैंसर रोधी, वायरल रोधी गुण तो होते ही हैं, यह सूक्ष्ण जीवाणु रोधी भी है। यानी यह कई प्रकार के रोगों को नियंत्रित करने की क्षमता रखता है।
2. देसी घी शरीर में एनर्जी बढ़ाने का सबसे अच्छा स्रोत माना जाता है। आप सिर्फ मोटा होने के डर से देसी घी नहीं खाते तो यह सिर्फ गलतफहमी है। देसी घी की तुलना में विभिन्न प्रकार के खाद्य तेल शरीर को ज्यादा नुकसान पहुंचाते हैं।
3. देसी घी खाने वाले बुजुर्गों को आपने देखा होगा तो हैरानी हुई होगी। वो भले अस्सी साल के हो गए हों, उनके जोड़ों में कभी दर्द नहीं होता। यानी जोड़ों के दर्द से बचाने का सबसे अच्छा और कारगर उपाय घी है।
4. शुद्ध देसी घी इम्यून सिस्टम यानी बीमारियों से लड़ने वाले सिस्टम को मजबूत करता है। सही तरीके से सेवन करने पर इससे इंफेक्शन और बीमारियों का खतरा घट जाता है।
बड़ा सवाल – घी कितना और कैसे खाएं?
देसी घी खाने का भी नियम होता है। सही तरीके से खाया गया घी जहां शरीर के लिए पोषक तत्व होता है, वहीं गलत तरीके से सेवन नुकसानदायक भी हो सकता है। आइए जानते हैं देसी
घी कब–कितना और कैसे खाएं –
1. आयुर्वेद कहता है कि घी को कभी भी कच्चा नहीं खाना चाहिए। मतलब जब भी घी खाना हो, उसे पकाकर यानी सब्जी या अन्य पेय में डालकर पका लें, उसके बाद ही ग्रहण करें।
2. सामान्य व्यक्ति के लिए प्रतिदिन दो चम्मच घी खाने की सलाह दी जाती है। लेकिन यह नियम कड़ी शारीरिक मेहनत करने वालों, बच्चों और युवाअों पर लागू नहीं होता। इन तीनों का शरीर अधिक घी भी पचा सकता है।
3. घी खाने का सबसे अच्छा तरीका सुबह का नाश्ता और दोपहर का भोजन होता है। नाश्ता और लंच करने के बाद आपका शरीर कई घंटे तक सक्रिय रहता है, इसलिए घी को आसानी से पचा लेता है और इसके सारे पोषक तत्व ग्रहण कर लेता है।
4. रात के समय घी का सेवन कम से कम करें। हां, यदि आप किसी भी तरह के खाद्य तेल का उपयोग करते हैं तो उसकी बजाय कम मात्रा में देसी घी ज्यादा उचित रहेगा।
विशेष – देसी घी शुद्ध ही लें। यदि देसी घी शुद्ध नहीं होता तो उसका लाभ नहीं मिलेगा। अधिकतर डिब्बाबंद देसी घी शुद्ध होने का दावा भले करते हों, लेकिन वे घी की बजाय सिर्फ फैट होते हैं। शुद्ध देसी घी वही होता है जो पारंपरिक तरीके से बनाया जाता है। यानी दूध को दही में बदलकर, उसे मथकर मक्खन निकालना और फिर उसे दो–तीन बार अच्छे से उबालकर जो घी निकलता है, वही शुद्ध होता है। आपको भी शुद्ध घी चाहिए तो कोशिश करें किसी गांव से खरीदें, ज्यादा अच्छा घी मिल जाएगा। और यह घी गाय का मिल जाए तो फिर कहने ही क्या।
Source: sirfkhabar
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