मनुष्य के शरीर में अनेक रोग उतप्न हो जाते है उनमे से पैर का रोग भी एक तरह का रोग है । यह रोग समूह के साथ
घर में , तालाब में व नदी इत्यादि स्थानो पर एक साथ नहाने से हो जाता है क्योंकि ये एक प्रकार का संक्रमण रोग है । जो एक मनुष्य से दूसरे मनुष्य में अपने आप हो जाता है । इस रोग में मनुष्य के पैरों में फोले हो जाते है । पैर की उंगलियाँ सूज जाती है और उंगलियों के बीच में खुजली , छाले , जख्म इत्यादि होने से दर्द होना शुरू हो जाता है मनुष्य इस रोग में चल भी नहीं पाता और पैरो में से बदबू आने लगती है । जिस भी पाँव की उंगली में ये सभी रोग हो जाते है वह स्थान गन्दा सा और अलग दिखाई देने लगता है । इन सभी रोगों को दूर करने के लिए इस प्रकार का उपचार करे ।

उपचार :-
1. इस रोग को दूर करने के लिए मनुष्य को गर्म जुराब , या फिर ऐसे जूते नही पहनने चाहिए जिससे पैरो में पसीने आ जाते है
2. मनुष्य को अपने पैरो को साफ रखे व साफ जूतों को ही पहनना चाहिए । और पैरो में पसीना नहीं आने देना चाहिए ।
3. रोगी को अपने पैर की उंगलियों को अच्छी तरह साफ पानी से धोकर और साफ कपडे से पोंछकर सामान मात्रा में सरसों का तेल पैरों की उंगलियों के बीच में लगाने से पैर के सभी रोग ठीक होने लगते है ।
4. या फिर हल्दी व मेहंदी का बारीक़ पाउडर लेकर इन दोनों को मिलाकर सुबह – शाम लगाने से और भी जल्दी पैरो को आराम मिल जाता है । इस उपचार को लगातार एक सप्ताह तक करने से यह रोग जड़ से नष्ट हो जाता है |
Source: ayurvedhome
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