इसके पत्ते पान के पत्ते कि तरह होते हैं। आयुर्वेद मे इसको कई नामो से जाना जाता है जैसे अमृता, गुडुची, छिन्नरुहा,चक्रांगी, आदि। गिलोय इतनी गुणकारी है कि इसका नाम अमृता रखा गया है। आयुर्वेद जगत में यह बुखार की महान औषधि के रूप में मानी गई है। गिलोय की लता जंगलों, खेतों की मेड़ों, पहाड़ों की चट्टानों आदि स्थानों पर सामान्यतया कुण्डलाकार चढ़ती पाई जाती है।
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