बहुत ज्यादा गर्मी का मौसम अपने साथ कई समस्याएं लेकर आता है। ऐसे में आप स्किन पर सनस्किरीन लगाकर उसका बचाव तो कर लेते हैं, लेकिन अपनी आंखों की ओर ध्यान कम दे पाते हैं। क्या आप जानते हैं कि धूप से निकलने वाली अल्ट्रा वॉयलेट रेज आंखों के लिए कितनी खतरनाक होती हैं? गर्मी के कारण आंखों में मेलानोमा या लायमोफोमा जैसी कई तरह की बीमारियों के होने का जोखिम बढ़ जाता है।

डॉ. महिपाल एस. सचदेव, सेंटर फॉर साइट ग्रुप ऑफ आई हॉस्पिटल्स के प्रबंध निदेशक, चेयरमैन और चिकित्सा निदेशक का कहना है कि “अल्ट्रा वॉयलेट रेज, मौसम के साथ फैलती हैं, जिसकी गति प्रकाश से भी अधिक तेज होती है। यहां तक कि यह रेज छाया होने पर भी मौजूद रहती हैं, जिसकी वजह से आंखों से संबंधित कई समस्याएं पैदा हो सकती हैं”।
धूप में निकलते समय आंखों पर सनग्लासिज ज़रूर लगाएं। यह खतरनाक अल्ट्रा वॉयलेट ‘ए’और अल्ट्रा वायलेट ‘बी’ रेज को रोकता है। धूप के छिप जाने के बाद अगर आप छाया में खड़े हों,। हालांकि छाया में यूवी रेज कुछ डिग्री कम होती हैं , लेकिन सामने की इमारतों और सड़क पर चल रहे वाहनों से आने टकराकर वापस आने वाली यूवी रेज अपना बूरा प्रभाव आपकी आंखों पर डाल सकती हैं। इसके अलावा सिर पर हैट लगाकर भी आप इन रेज को आंखों में आने से रोक सकते हैं। धूप में निकलते समय चौड़े किनारे वाली टोपी या हैट पहनकर निकलें, यह बचाव की एक अतिरिक्त परत का काम करती है।

आंखों में नमी बनी रहनी चाहिए। यह आंखों के स्वास्थ्य के लिए बेहद आवश्यक है। प्रतिदिन कम से कम दो लीटर पानी ज़रूर पीएं, ताकि आंखों और त्वचा को डिहाइड्रेशन से बचाया जा सके। डिहाइड्रेशन से आपकी आंखों में लुब्रिकेशन की कमी आ सकती है, जिससे जीरोफ्थलमिया (सूखी आंखें) जैसी बीमारी होना संभव है। पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से आपकी आंखों की गतिविधियां गर्मियों के प्रभाव को संतुलित कर विपरीत प्रभावों से बचाए रखती हैं।
अच्छी आंखों के लिए थोड़े समय के गैप से अपनी आंखों को डॉक्टर से चैक कराते रहे।
Source: wefornewshindi
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