
आधुनिक जीवनशैली का असर बच्चों के शारीरिक व मानसिक विकास की प्रक्रिया पर भी पड़ रहा है। खेल के मैदान का स्थान प्ले स्टेशन ने ले लिया है। शिक्षा से लेकर खेलकूद तक हर क्षेत्र में उन पर प्रतियोगिताओं में आगे निकलने का दबाव पड़ रहा है।
खासतौर पर शहरों के एकल परिवारों में माता-पिता यदि दोनों वर्किग हैं, तो बच्चे अकेलेपन से भी जूझ रहे हैं। इन सब कारणों से बच्चों में चिड़चिड़ापन और जल्दी गुस्सा एक आम समस्या हो गई है।
आमतौर पर माता-पिता इसे बच्चे की बदतमीजी और नादानी का नाम देकर नजरअंदाज कर देते हैं। मनोचिकित्सक कहते हैं, माता-पिता को बच्चे की गलत आदतों की अनदेखी नहीं करनी चाहिए। उसके कारणों को जानने की कोशिश करनी चाहिए।