
गत दिवस नांगलोई दिल्ली के सरकारी स्कूल में अध्यापक मुकेश कुमार को परीक्षा में नकल न करने देने के ‘अपराध’ में कक्षा में आकर अपने ही छात्रों द्वारा चाकुओं से गोद दिया गया। उपमुख्यमंत्री ने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है लेकिन ऐसा वातावरण एक दिन में नहीं बना है। क्या मंत्री महोदय नहीं जानते कि शिक्षा के साथ जिस तरह के बेतुके प्रयोग किये जा रहे हैं यह उसी का उपउत्पाद है। सभी को पास करना, स्कूल में छात्रा जैसा भी व्यवहार करे, अध्यापक उसे डांटेगा भी नहीं, जैसे तुगलकी फरमान हैं।
केन्द्रीय विद्यालय संगठन से जुड़े एक अध्यापक के अनुसार उन्हें निर्देश है कि छात्रों के ‘भावनात्मक संबंधों’ के प्रति वे मूक दर्शक बने रहें।
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