लड़कियां अपनी पढ़ाई और कॅरियर को ज्यादा समय देती हैं और बाकी के सारे काम बाद में होते हैं. 30 की उम्र होते-होते उनकी शादी हो पाती है इसके बाद वो दाम्पत्य जीवन को सेट करती हैं, घर आदि खरीदने के बाद ही बेबी प्लान करती हैं.

लेकिन स्वास्थ्य दृष्टिकोण से 40 की उम्र के बाद मां बनना घातक साबित हो सकता है. IVF, In Virto Fertility, उपचार इन दिनों इस मामले में काफी सफल है लेकिन फिर भी काफी समस्याएं आती हैं.
प्रसव स्थिति: 40 की उम्र के बाद सामान्य प्रसव होना थोड़ा मुश्किल पड़ जाता है, ऐसे में डॉक्टर को ऑपरेशन करना पड़ सकता है. इस बारे में डॉक्टर से पहले ही सलाह ले लें.
भ्रूण का आकार: 40 वर्ष की आयु के बाद गर्भवती होने का असर भ्रूण के आकार पर पड़ता है, वह बहुत छोटा या बहुत बड़ा हो सकता है जिसकी वजह से बच्चे के शरीर में विकार हो सकता है या मां को समस्या हो सकती है.
उच्च रक्तचाप: 40 की उम्र के बाद गर्भधारण करने से उच्च रक्तचाप की समस्या होने की संभावना बढ़ जाती है. ऐसे में महिला को अपने डॉक्टर से सम्पर्क करना चाहिए.
गर्भावधि मधुमेह: एक उम्र के बाद मां बनने पर गर्भावधि मधुमेह की समस्या होने के चांसेस बहुत ज्यादा होते हैं.
गर्भपात 40 के बाद गर्भ धारण करने पर गर्भपत होने की संभावना होती है ऐसे में मां को विशेष ध्यान रखना पड़ता है.
जन्मजात विकार एक उम्र पार करने के बाद मां बनने का प्रभाव, बच्चे पर पड़ता है. उसमें कई सिंड्रोम होने का भय रहता है. उसमें मानसिक बीमारी हो सकती है या वह ऑटिज्म से पीडि़त हो सकता है. ऐसे में गर्भवती होने के बाद लगातार परीक्षण करवाते रहें.
प्री एक्लैम्पसिया और प्लेंसेंटा प्रीवेया: उच्च रक्तचाप और पेशाब में प्रोटीन (प्री-एक्लैम्पिया)और प्लैसेंटा का कम होना (प्लेंसेंटा प्रीवेया)की समस्या इस उम्र में मां बनने पर होती हैं. ऐसे में डॉक्टर से सलाह लेना आवश्यक होता है.
प्रसव समस्याएं 40 के बाद मां बनने पर प्रसव में बहुत समस्याएं आती हैं. ऐसे में खतरा बहुत रहता है.
प्रसव के बाद की समस्याएं मैच्योर मदर के सामने प्रसव के उपरान्त काफी समस्याएं आती हैं जैसे कार्डियोमायोपैथी आदि.
Source: palpalindia
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