अगर बोतलबंद पेय पदार्थों जैसे जूस या कोल्ड ड्रिंक आदि में चीनी की मात्रा 40 फीसदी कम कर दी जाए तो उससे अगले दो दशकों में 3 लाख से ज्यादा लोगों को मोटापे से संबंधित टाईप-2 मधुमेह से बचाया जा सकता है। एक अध्ययन में यह बात सामने आई है।
अगर इन पेय पदार्थों में से रोजाना 38.4 कैलोरी ऊर्जा की कटौती कर दी जाए तो पांच साल बाद एक वयस्क के औसत वजन में 1.20 किलो की कमी देखने को मिलेगी, जिससे 5 से 10 लाख वयस्कों को मोटापे की समस्या से छुटकारा मिलेगी। इससे अगले दो दशकों में लगभग 3 लाख लोग मोटापे से संबंधित टाइप-2 मधुमेह से बच सकेंगे।

गौरतलब है कि कोल्ड ड्रिंक के अलावा लस्सी और फ्रूट जूस में भी चीनी की भारी मात्रा पाई जाती है। इस अध्ययन पर टिप्पणी करते हुए वर्ल्ड ओवेसिटी फेडरेशन लंदन के नीति निदेशक डॉ. टिम लोबस्टीन ने लिखा है कि यह अध्ययन नीति-निर्माताओं के लिए बहुत ही सकारात्मक संदेश लेकर आया है।
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