आपने अक्सर देखा होगा कि कई बच्चे हकलाकर या तुतलाकर बोलते हैं। ये समस्या नाड़ियों में किसी प्रकार से दोष, मोटी जीभ होना या किसी हकलाने वाले की नकल करने आदि के कारण हो सकती है। दिल्ली स्थित आस्था चेरीटेबल क्लिनिक में पीडीऐट्रिक्स डॉक्टर मुकेश कुमार के अनुसार, बोलते समय ठीक तरह से अक्षरों को न बोल पाना और रुक-रुककर बोलना, तुतलाने या हकलाने का रोग कहलाता है। कुछ रोगियों में तो हकलाहट जरा सी होती है, जो धीरे-धीरे अपने आप ठीक हो जाती है। लेकिन कुछ मामलों में जब यह रोग पुराना हो जाता है, तो रोगी को बोलने में बहुत परेशानी होती है। हकलाने वाले को हर शब्द में तो नहीं पर कुछ-कुछ शब्दों को बोलने में परेशानी होती है।