मोटापा रोग से पीड़ित मनुष्य की चर्बी बढ़ जाती है जिसके कारण उसका शरीर भारी वजन के साथ फैला हुआ रहता है और वह व्यक्ति अधिक मोटा दिखने लगता है।
मोटापा रोगी की वह अवस्था होती है जिसमें शरीर के अन्दर बहुत अधिक मात्रा में चर्बी जमा हो जाती है। मोटापा बढ़ने से हृदय तथा फेफड़ों जैसे भीतरी अंगों पर ही केवल असर नहीं पड़ता, बल्कि मोटे व्यक्ति को मधुमेह, खून का दबाव तथा जोड़ों में जलन आदि रोग होने की भी संभावना बढ़ जाती है। इस रोग के कारण रोगी को बहुत सारे कार्यों को करने में परेशानी होती है जैसे- चलना, फिरना, दौड़ना, उठना तथा बैठना आदि।
मोटापा रोग होने का कारण-
- यह रोग अधिक भोजन करने के कारण होता है, ज्यादा भोजन करने से व्यक्ति के शरीर में कैलोरी की मात्रा बढ़ जाती है। जिसके कारण मोटे लोगों की ऊर्जा सम्बंधी आवश्यकताएं भी सामान्य से कम होती हैं क्योंकि उनकी पाचनक्रियाएं सामान्य से भी धीमी हो जाती है।
- शरीर में मोटापा रोग होने का सबस प्रमुख कारण अपने भोजन में अत्यधिक मात्रा में चर्बी बनाने वाले पदार्थ तथा श्वेतसारिक पदार्थों का उपयोग करना है।
- मोटापा रोग किसी ग्रंथि की दोषपूर्ण अवस्था होने के कारण से हो सकता है क्योंकि कोई ग्रंथि ठीक काम नहीं करती तो व्यक्ति चाहे कम से कम भोजन का सेवन भी करे लेकिन उस व्यक्ति का भार बढ़ता ही चला जाता है तथा उसके शरीर में चर्बी की मात्रा बढने लगती है और यह रोग व्यक्ति को हो जाता है।
Source: ramayurved
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