पुदीने को स्वास्थ्य के लिए वरदान माना जाता है। बारिश हो या सर्दी की सुबह पुदीने की चाय पीकर देखिए। यह बेहद फायदेमंद होती है। तन-मन में स्फूर्ति आ जाती है। पुदीने को सबसे पुराना और लोकप्रिय हर्ब माना जाता है, जो लगभग पूरी दुनिया में इस्तेमाल होता है। चाय, सूप, जूस, चटनी हर चीज में पुदीने का इस्तेमाल स्वाद बढ़ा देता है। पुदीने की कई किस्में पाई जाती हैं और हर किस्म की अपनी खुशबू और स्वाद होता है। स्टकिंग से लेकर सलाद, रायता हर खाने में पुदीने का इस्तेमाल किया जा सकता है। मगर इसके फायदे कितने हैं, यह कम ही लोग जानते हैं।
भारतीय व्यंजन और मध्यपूर्वी भारतीय व्यंजन में पुदीने को महत्वपूर्ण साम्रगी माना गया है। दही में पुदीने को मिलाकर स्वाटिष्ट रायता बनाया जाता है। पुदीने की चाय भी बनाई जाती है जो काफी लोकप्रिय है। थाई खाने में पुदीने का इस्तेमाल सूप और मसालेदार करी में किया जाता है। एशिया में उगाया जाने वाला पुदीना स्ट्रांग फ्लेवर्ड का होता है, पर यूरोप का पुदीना मीठा व ठंडी तासीर लिए रहता है। हर तरह की संस्कृति के खाने में पुदीने का इस्तेमाल देखा गया है।
भारत, मध्यपूर्वी देश और यूरोप में खासकर इसे ज्यादा उपयोग में लाया जाता है। पुदीने का मीठा फ्लेवर और साथ ही इसकी ठंडी तासीर हमारे स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है।
पुदीना स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को दूर करने में बेहद कारगर है। एसिडिटी, गैस और बदहजमी में इसका इस्तेमाल करने से पेट को ठंडक मिलती है। यह रामबाण की तरह है। पुदीने की चाय आंत को राहत पहुंचाती है। यह पेट साफ रखता है और साथ ही त्वचा संबंधी समस्या जैसे एक्ने से भी बचाता है। त्वचा में खुजली और जलन जैसी समस्या में भी पुदीना आराम पहुंचाता है।
इसका नियमित सेवन शरीर में मौजूद विषैले तत्व को दूर करता है। दांतों की समस्या, सांस की बदबू या दांतों के पीलेपन में पुदीने के पत्ते मसलकर दांतों पर लगाएं। पुदीना हमारे शरीर में मौजूद खून को साफ रखता है और कई बीमारियों से बचाता है।