
मनुष्य सांसारिक परिवेश में आर्थिक, सामाजिक व पारिवारिक उन्नति के लक्ष्य को क्रियान्वित करने के लिये मस्तिष्क में नयी नयी कल्पनाओं के स्वरूप को तैयार करता है। यदि उचित समय पर उनका उपयोग नहीं किया जाता तो यह मानसिक तनाव का रूप धारण कर लेता है। जीवन में मानसिक विकार क्या है? संकीर्ण विचारधारा में जीवन को व्यतीत कर रहे मनुष्य पर कुछ हल्के शब्द भी उत्प्रेरक का काम करते हैं जो मानसिक तनाव में वृद्धि कर देते हैं।
जब परिवार में नित्य कलह, क्लेश, द्वेष, जलन की भावनाओं का समूह मन को विचारों के द्वन्द्व से परिपूर्ण करके मस्तिष्क को प्रभावित करता है तो जीवन में विघटन की स्थिति को उत्पन्न करता है। शुभ विचारों की आवृत्ति मानसिक तनाव को कम करके सकारात्मक सोच बनाने में सहायक होती है।