
नई दिल्ली स्थित तुलसी हेल्थ केयर के मनोचिकित्सक डॉ. गौरव गुप्ता का कहना है कि अवसाद का असर केवल मन पर ही नही होता। अपितु यह एक ऐसी दशा है, जो पूरे शरीर पर अपना प्रभाव डालती है। डिप्रेशन पहले से मौजूद रोगों जैसे-मधुमेह तथा ह्रदय रोग आदि को और बढ़ा भी सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार सन् 2020 तक ह्रदय रोग बाद डिप्रेशन ही सबसे बड़ा रोग होगा, जिसकी गिरफ्त में विश्व की आबादी का एक बड़ा हिस्सा होगा। दरअसल, डिप्रेशन स्वयं हृदय रोग के लिए एक बड़ा कारण है। विशेषज्ञों का मानना है कि मधुमेह के पीछे चिंता और तनाव का ही हाथ होता है। यदि कोई व्यक्ति अवसाद ग्रस्त है, तो उसे मधुमेह होने की संभावना सामान्य व्यक्ति के मुकाबले दुगनी होती है।