
भारत में माइग्रेन की समस्या बहुतायात में पायी जाती है, लेकिन कई वर्षो तक तो पता ही नहीं चलता। वह सोचते है कि सामान्य दर्द है लेकिन जब दर्द काफी समय तक ठीक नहीं हो पाता तो वह डाक्टर के पास जाता है। माइग्रेन से पीडि़त लोगों के मुंह में सूक्ष्मजीवों की संख्या ज्यादा होती है, जो नाइट्रेट को परिवर्धित करने की अपेक्षाकृत अधिक क्षमता रखते हैं।
एक सर्वे में पाया गया कि कुछ भोज्य पदार्थ माइग्रेन की शुरुआत करते हैं चॉकलेट, शराब और विशेष रूप से नाइट्रेट वाले खाद्य पदार्थ। माना गया कि शायद लोगों के खाने का संबंध, उनके सूक्ष्मजीवों और उनके माइग्रेन से है। नाइट्रेट ऐसे खाद्य पदार्थो, जैसे प्रसंस्कृत मांस और हरे पत्तेदार सब्जियों और कुछ निश्चित दवाओं में पाया जाता है। मुंह में पाए जाने वाले जीवाणुओं से नाइट्रेट को कम किया जा सकता है।