सचेत हो जाइए, भारतीयों में तेजी से बढ़ रही है किडनी की बीमारी! हर दस में से एक हिंदुस्तानी की किडनी बीमार है! उस पर से इनमें से अधिकांश लोगों को इसका पता तब चलता है, जबकि यह बेहद गंभीर हाल में पहुंच जाती है। दूसरी तरफ राहत की बात यह है कि किडनी की गंभीर का अच्छा इलाज देश में उपलब्ध है।

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (aiims) में नेफ्रोलाजी विभाग के एडिशनल प्रोफेसर संजय गुप्ता के मुताबिक देश में इस समय दस फीसदी आबादी किडनी की किसी न किसी समस्या से प्रभावित है। ऊपर से हर साल इसमें लगभग डेढ़ लाख लोग और जुड़ते जा रहे हैं। उच्च रक्तचाप और मधुमेह के मरीजों को इसका सबसे ज्यादा खतरा होता है। इसी तरह दर्द निवारक दवाओं का लगातार सेवन करने वालों की किडनी भी प्रभावित हो सकती है। बार-बार मूत्र संक्रमण का शिकार होने वालों को भी सतर्क रहना चाहिए।
पुष्पावति सिंघानिया शोध संस्थान के नेफ्रोलाजी विभाग के वरिष्ठ सलाहकार डॉ. रवि बंसल कहते हैं कि अक्सर मरीज को यह पता ही नहीं होता कि समस्या उसकी किडनी में है। जबकि सामान्य पेशाब जांच और रक्त के नमूने के सीरम केरेटनीन जांच से किडनी में किसी समस्या का संकेत आसानी से मिल जाता है। ये जांच डेढ़ से दो सौ रुपए में कहीं भी आसानी से हो जाती है।
आम तौर पर लोग किडनी की बीमारी का मतलब किडनी के काम करना बंद कर देने से समझते हैं। लेकिन इससे पहले की स्थिति में इसका पता चल जाने पर उसे आसानी से ठीक या नियंत्रित किया जा सकता है। यहां तक कि प्रत्यारोपण जैसी तकनीक भी अब भारत में पर्याप्त रूप से उपलब्ध है। बड़ी संख्या में हो रहे प्रत्यारोपण के बाद यह भी साबित हो गया है कि यह दान करने वाले और प्राप्त करने वाले दोनों के लिए सुरक्षित है।
किडनी की बीमारी का प्रमुख कारण
* उच्च रक्तचाप यानी ब्लडप्रेशर
* मधुमेह यानी डायबिटीज
* दर्द निवारक गोलियों यानी पेन किलर का लगातार प्रयोग
* सेल्फ मेडिकेशन यानी बिना डॉक्टर को दिखाए अनाप-शनाप दवा खाना
* बार-बार पेशाब में होने वाला संक्रमण
साभार: दैनिक जागरण
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