केरल सहकारिता दुग्ध विपणन महासंघ लिमिटेड, एमआईएलएमए उच्च गुणवत्ता वाले और पोषक ‘जैविक दूध’ का उत्पादन करने के लिए हॉलैंड से गठजोड़ की तैयारी में है जिसमें पशुओं को पालन के दौरान किसी सिंथेटिक चारे अथवा किसी तरह के ‘एंटी बॉयोटिक’ का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा.

वायनाड की ऊंची पहाडिय़ों में मुल्लनकोल्ली में कम से कम पांच दुग्ध सोसायटियों को इस महत्त्वाकांक्षी परियोजनाओं को लागू करने के लिए चुना गया है. हालैंड सरकार से अंतिम मंजूरी मिलने के बाद जल्द ही यहां कार्य शुरू होगा.
मवेशियों को पूरी तरह से प्राकृतिक वातावरण में पालकर जैविक दूध का उत्पादन किया जाएगा और मवेशियों को कोई सिंथेटिक चारा और एंटी बायोटिक नहीं दिया जाएगा. मालाबार क्षेत्र में एमआईएलएमए के प्रबंध निदेशक के टी थॉमस ने कहा कि इस संदर्भ में एक सहमति पत्र पर जल्द ही हस्ताक्षर किया जाएगा. प्रदेश के उत्तरी छह जिलों में एमआईएलएमए डेयरी सहकारिता सोसायटियों का कामकाज संभालती है.
Source: palpalindia
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