जी नहीं, बच्चे का रोना फेफड़ों को किसी तरह प्रभावित नहीं करता है। बच्चे के रोने की ऐसी कोई वजह नहीं होती जिस के लिए तुरंत कोई प्रतिक्रिया ना दी जाए। बच्चे की आरामदायक स्थिति के बेहतर प्रयास करें।
कभी कभी बच्चे को क्लांत हो जाने पर कुछ देर सोने के लिए अकेला छोड़ देना चाहिए।
बच्चे के रोने का मतलब होता है कि उसे किसी चीज़ कि ज़रूरत है। यहाँ तक कि कभी कभी यह बड़ों के समझने के लिए भी मुश्किल हो जाता है कि उसे किस चीज़ कि ज़रूरत है? बच्चे भूखे, थके हुये, गीले हो सकतें हैं, या ये भी हो सकता है कि उसे ज़रूरत से ज़्यादा आहार दे दिया गया हो। इसके अलावा हो सकता है कि उसे कुछ अभिव्यक्त करना हो या बच्चा मुंह में कुछ चूसना चाहता हो अथवा उसे केवल आराम कि ज़रूरत है।
बच्चों के चिड़चिड़ेपन का भी एक समय होता जब उन्हे संभालना बहुत मुश्किल हो जाता है और रोने से उनकी ऊर्जा को कम करने में मदद मिल सकती है। पर बच्चे का रोना उसे शारीरिक या मानसिक रूप से किसी प्रकार का लाभ नहीं देता और न ही बच्चे में कम रोने कि आदत बनाता है।
यह सच है कि आप अपने बच्चे को नहीं बिगाड़ सकते और जब भी उसे ज़रूरत हो, सहायता या आराम देते हैं। और भविष्य में उन्हे सहनशील बनाने के लिए प्रोत्साहित कर सकते हैं।
Source: hinditips
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