
हाल ही में हुए एक अध्ययन में लोगों को इस संबंध में आगाह किया गया है। इस अध्ययन में अपर्याप्त नींद से मोटापा, मेटाबॉलिक सिंड्रोम, मनोवस्था संबंधी विकार, संज्ञानात्मक विकार और दुर्घटनाओं से संबंध के बारे में भी बताया गया है।
अमेरिका के कोलोराडो बाउल्डर विश्वविद्यालय के प्रोफेसर और अध्ययन के प्रमुख लेखक केनेथ राइट जूनियर ने कहा कि जब लोग बहुत कम सोते हैं तो उनके शरीर की घड़ी कहती है कि उनको सोना चाहिए और जब वह सुबह में कुछ खाते हैं तो यह उनके रक्त में शर्करा को नियंत्रित करने की क्षमता को प्रभावित करता है।
राइट और सह लेखक रॉबर्ट एकेल ने अपने अध्ययन के लिए 16 स्वस्थ पुरुषों और महिलाओं को चुना। इस अध्ययन का प्रकाशन ‘करंट बायोलॉजी’ नामक जर्नल में हुआ है।
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