
आप स्वस्थ रहना चाहते हैं तो हंसना सीखें। फिर न तो आपको डॉक्टर के पास जाने की जरूरत पड़ेगी और न ही जिन्दगी बोझ लगेगी। आज सब लोग अपने सपनों को पूरा करने में इस कदर व्यस्त हैं कि उनके चेहरे से हंसी गायब हो गई है। भौतिकता के इस वर्तमान युग में इसका सबसे अधिक प्रतिकूल असर बच्चों पर पड़ा है।
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कामकाजी लोगों के पास न तो अपने बूढ़े मां-बाप के लिए वक्त है और न ही वे बच्चों को समय दे पाते हैं। आज विश्व हास्य दिवस है। आइए, आज संकल्प लें कि न केवल हम खुलकर हंसेंगे बल्कि दूसरों को भी हंसाकर स्वस्थ रहने का मंत्र देंगे रांची में गाहे-बगाहे हास्य कवि सम्मेलनों का आयोजन होते रहता है। इसमें लोगों को हंसी-ठिठोली का मौका मिलता है।