
शास्त्रों के अनुसार, धन्वन्तरि भगवान से सभी रोगों को ठीक करने की प्रार्थना की जाती है। भगवान धन्वंतरि के श्रद्धापूर्वक पूजन से दीर्घ जीवन एवं आरोग्य की प्राप्ति होती है। विभिन्न औषधियों से अमृत निकालने की विधि उस युग में केवल धन्वंतरि को ही आती थी। अत: धन्वंतरि ने एक विशिष्ट प्रक्रिया से देवों और असुरों के श्रम का सहारा लेकर अमृत निकाला।
मंत्र जप शुरू करने से पहले यह जरूरी है कि मन मस्तिष्क में उठ रहे सभी तरह के विचारों को विराम दें। मंत्र नीचे दिए गए हैं:-
ॐ नमो भगवते
महा सुदर्शनाया वासुदेवाय धन्वन्तरये
अमृत कलश हस्ताय
सर्व भय विनाशाय
सर्व रोग निवारणाय
त्रैलोक्य पतये
त्रैलोक्य निधये
श्री महा विष्णु स्वरूप
श्री धन्वंतरि स्वरुप
श्री श्री श्री औषध चक्र नारायणाय स्वाहा ।।
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