
गर्मियों का मौसम है तो ऐसे में बिमारियों का आना और आपका बीमार होना तो लाज़मी है। लेकिन इसके लिए आपको रोज-रोज डॉक्टर के पास जाने की ज़हमत नहीं उठानी पड़े इसलिए बेहतर यही है कि आप घर पर स्वयं ही इलाज करें।
घर पर ईलाज और वो भी बगैर दवा के। जी हां- हम कोई मज़ाक नहीं कर रहे बल्कि आपको बगैर डॉक्टर और दवाइयों से रहित ईलाज करने की सलाह दे रहे है।
दरअसल हम प्राकृतिक ईलाज की बात कर रहे है। शरीर का निर्माता आपके अंदर ही होता है। हमारे शरीर को सारी उर्जा और शक्तियां मुख्यरूप से शरीर के अंदर से मिलती हैं और वो भी बगैर मेहनत के। क्योंकि बाहर से सेहत को ठीक करने की कोशिश करना बहुत मेहनत वाली प्रक्रिया है। शरीर की हर कोशिका कुदरती तौर पर इस तरह से बनाई गई है कि वह आपको सेहतमंद रखे। हमें संक्रामक और स्थायी रोगों के बीच का अंतर समझ लेना चाहिए।
प्राकृतिक चिकित्सा के समर्थक खान-पान एवं रहन-सहन की आदतों, शुद्धि कर्म, जल चिकित्सा, ठण्डी पट्टी, मिटटी की पट्टी, विविध प्रकार के स्नान, मालिश तथा अनेक नई प्रकार की चिकित्सा विधाओं पर विशेष बल देते है। मिट्टी जिसमें पृथ्वी तत्व की प्रधानता है जो कि शरीर के विकारों विजातीय पदार्थो को निकाल बाहर करती है। यह कीटाणु नाशक है जिसे हम एक महानतम औषधि कह सकते है। इसका लेप शरीर के लिए बेहद लाभदायक है।
Source: dailyhunt
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