मिरगी से पीड़ित महिलाओं को प्रसव के दौरान अधिक समस्या पेश आ सकती है और मौत का खतरा भी बढ़ सकता है। एक नए अध्ययन में यह खुलासा हुआ है।
शोधकर्ताओं ने पाया कि जिन महिलाओं को मिरगी की बीमारी होती है, उनमें हर 1,00,000 महिलाओं में से 80 को गर्भावस्था और प्रजनन के दौरान मौत का रहता होता है। जबकि सामान्य महिलाओं में प्रति 1,00,000 में छह महिलाओं को ही प्रजनन के दौरान मौत का खतरा होता है। शोधकर्ताओं के मुताबिक,किसी विशेष कारण का पता नहीं चल पाया है, लेकिन यह जरूर देखा गया है कि मिरगी से पीड़ित महिलाओं को गर्भावस्था और प्रजनन के दौरान ज्यादा देखभाल और सतर्क रहने की जरूरत होती है।”
बोस्टन में हार्वर्ड टी.एच. चान स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ की सारा मैकडोनाल्ड और साथियों ने अध्ययन के लिए 2007-2011 के बीच अस्पताल में भर्ती गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य संबंधी आंकड़ों का अध्ययन किया। शोधकर्ताओं ने कहा कि मिरगी से पीड़ित महिलाओं में प्रसव के दौरान मौत का खतरा ज्यादा होने के साथ उन्हें प्री-एक्लैंपसिया, अपरिपक्व गर्भ और मृत बच्चे का जन्म जैसे जोखिम ज्यादा होते हैं।
शोधकर्ताओं ने हालांकि यह भी स्वीकार किया कि वह इस बात का पता नहीं लगा पाए हैं कि मिरगी से पीड़ित महिलाओं में प्रसव के दौरान मौत का अधिक खतरा होने की वजह क्या है। शोधकर्ताओं ने कहा, मौत का कारण पता लगाने और उसका तोड़ ढूंढ़ने के लिए अभी और शोध किए जाने की जरूरत है। यह शोध ऑनलाइन वेबसाइट जामा न्यूरोलॉजी में प्रकाशित हुई है।
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