
टिनिटस एक ऐसी अजीब सी बीमारी है जिसमें कानों के अंदर बिना किसी कारण के एक आवाज गूंजती रहती है। यह कोई बीमारी नहीं है बल्कि किसी बीमारी का लक्षण है। यह रक्तवाहिनियों की समस्या या उम्र के साथ सुनने की शक्ति क्षीण होने के कारण हो सकती है। लोग टिनिटस से काफी परेशान रहते हैं, क्योंकि इससे सुनने की क्षमता पर असर पड़ता है जो हमारे जीवन का काफी महत्वपूर्ण भाग है। बावजूद इसके टिनिटस कोई बड़ी समस्या नहीं है क्योंकि उम्र के साथ लोगों के सुनने की क्षमता कम होती जाती है। लेकिन आप घबराइये नहीं घरेलू उपचारों की मदद से इस समस्या से बचा जा सकता है। जीं हां सेब साइडर सिरका टिनिटस को दूर करने में बहुत फायदेमंद होता है।

टिनिटस न्यूरोलॉजिकल समस्या के कारण होता है। यह समस्या मोबाइल फोन, डिप्रेशन, अनियमित दिनचर्या के साथ ही हार्मोंस के श्रावित होने के कारण होती है। कभी कभी यह सर्दी जुकाम और कान के भीतरी हिस्से में इंफेक्शन, पर्दे में छेद होने से भी होती है। आमतौर पर यह समस्या एक या दो बार हो सकती है, बार बार सीटी बजने जैसी आवाज इस रोग के लक्षण हैं। कान में सीटी बजने जैसी आवाज को कतई नजर-अंदाज नहीं करें। हो सकता है जिसे आप आम समस्या समझ रहे हैं वह बड़ी बन जाए।
सेब का सिरका
सेब के सिरके का उपयोग हजारों वर्षों से विभिन्न प्रकार की बीमारियों के उपचार के लिये किया जाता रहा है। सेब के सिरके को रोज पीने से पाचन बेहतर होता है और अवसाद, थकावट, गठिया, उच्च रक्तचाप और उच्च कोलेस्ट्राल जैसी गम्भीर बीमारियों से भी निजात पाया जा सकता है। यह टिनिटस के इलाज के लिए भी बहुत अच्छा प्राकृतिक उपचार है। सबसे अच्छी बात यह किसी भी स्थानीय किराने की दुकान में आसानी से मिल जाता है।
टिनिटस के लिए सेब का सिरका
एंटीफंगल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर सेब का सिरका अंतर्निहित संक्रमण के कारण होने वाले टिनिटस के इलाज के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। सेब का सिरका शरीर में क्षारीय स्तर को संतुलन करने में मदद करता है। समस्या होने पर एक गिलास पानी में थोड़ा सा शहद और दो चम्मच सेब का सिरका मिला लें। इस मिश्रण को दिन में दो से तीन बार तब तक लें जब तक कि कान में बजने की सनसनी खत्म नहीं हो जाती।
Source: onlymyhealth
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