जिस तरह से प्रदूषित हवा से हमारा वातावरण खराब हो चुका है इससे हमें हवा के जरिए कई तरह की बीमारियां हमारे शरीर में प्रवेश कर जाती हैं जिस वजह से अस्तमा, चचेक और त्वचा संबंधी रोग आसानी से हो जाते है। इसलिए इन सब से बचने के लिए हमारे घर के आस-पास पेड़ पौधों का होना जरूरी है। ऐसा ही है स्वास्थवर्धक और हवा को साफ करने वाला पेड़ नींम। हवा व वायु द्वारा फैलने वाली बिमारियों से कैसे बचे जानिए वैदिक वाटिका की ओर से कुछ उपाय |
नीम के फायदे – औषधीय तत्व :
नीम एक बहुत ही आसानी से मिलने वाला कल्पवृक्ष है जो हमारे घरों के आसपास ही होती है | नीम हमारी पर्यावरण की रक्षा करने वाली माँ सामान है | यह पेड़ कोई साधारण पेड़ो जैसा नही है बल्कि ये पीपल की तरह दिन और रात में भी अक्सिजन देती है | इस पेड़ के जड़ से लेकर बीज तक के वस्तुओं में हर एक किस्म की बीमारियों को दूर करने का गुण हैं |
प्रधान रूप से हर मौसम में वायु से फैलने वाली बीमारियाँ बहुत होती हैं, जैसे चेचक, स्किन एलर्जी , अस्तमा व् दमा इत्यादि | इनसे बचने के लिए साफ नीम के पत्तों को घर के चौखट पर लगायें और सप्ताह में एक बार बदल दें | इन सूखें पत्तों को अगर चावल या दाल जैसे स्टोर कि चीजों में रख दे तो, इनमें बहुत समय तक कीड़े नहीं पड़ते, रेशम व सिल्क के कपड़ो को भी इनके उपयोग से लंबे समय तक संभाल कर रख सकते हैं |
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- एलर्जी व चर्म रोग की बिमारियों से बचने के लिए धुली हुई नीम के पत्तों को एक चम्मच हल्दी के साथ पीसकर एक चम्मच तिल-तेल के साथ मिला कर त्वचा पर लगायें और तुरंत राहत पायें |
- नीम के पत्तों के नियमित सेवन करना रक्त साफ करने में मदद करता है, एवं हमे रक्त संबन्धित बिमारियों से बचाता है |
- नीम के बीज के सेवन से रक्त में इन्सुलिन संतुलित रहता है और आपका रक्त चाप भी सामान्य रहता है | साथ ही साथ मधुमेह की बीमारी में भी राहत मिलती है।
- नीम के फूलों का रस शहद के साथ मिलाकर बच्चों को साल में एक बार भी अगर दिया जाय तो पेट के कीड़ों के शिकायत से छुटकारा पा सकते हैं|
- वाइरल इंफेक्शनों से और मच्छरों से बचने के लिए नीम के सूखे पत्तों का धुवाँ घर में नियमित डाले इससे हर एक किस्म के कीटाणु घर से दूर रहते हैं |
- पेट की बीमारियों के लिए नीम के कोमल पत्तों को शहद के साथ खाने पर आप पेट के रोगों से छुटकारा पा सकते हैं |
- नीम की जड़ों या छालों को अच्छी तरह साफ कर पानी में उबाल कर इसका काढ़ा पीने से लीवर व कालेय संबन्धित रोग से राहत पा सकते हैं |
Source: vedicvatica
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