उत्तर प्रदेश के इटावा में एक मुस्लिम व्यक्ति को अपनी गायों से इतना प्यार था कि इसके लिए उसने अपनी पत्नी तक को छोड दिया। अफक अली उर्फ मुन्ना नाम के इस व्यक्ति के मुताबिक, उसकी पत्नी ने जब उससे अपनी गायों या उसमें से एक को चुनने को कहा, तो उससे अपनी गायों को चुनना पसंद किया।
हालांकि यह बात तेरह साल पुरानी है, मगर आज जब कुछ तथाकथित गोरक्षक समूहों ने बीफ खाने और गायों के मसले पर मुस्लिमों को निशाना बना रहे हैं, ऐसे में अफक अपनी इस दास्तां को सबसे साझा कर रहे हैं। अफक कहते हैं कि उनकी बीवी अफरोज जहां उनका फैसला सुनते ही घर छोडकर चली गई थी। दोनों की शादी 2001 में हुई थी। गांव के लोगों ने बताया कि पंचायत ने दोनों में सुलह कराने की कोशिश की, लेकिन अफक ने कहा कि वह अपनी गायों को ज्यादा प्यार करते हैं। 55 साल के अफक मुस्कुराते हुए कहते हैं कि मैं अपनी पत्नी से किसी दूसरी औरत की वजह से नहीं, बल्कि अपनी गायों की वजह से अलग हूं। उनके परिजनों ने बताया कि 15 साल की उम्र में अफक ने पहली गाय खरीदी थी और अब उनके पास 14 गायें हैं।
अफक मांसाहार नहीं खाते, वह सुबह जल्दी उठ जाते हैं। गायों को दूध दुहने के बाद वह अपना ठेला लेकर गायों के लिए भूसा लाते हैं।
उन्होंने बताया कि वह पास के जंगल से गायों के लिए हरी घास भी लाते हैं। अफक ने बताया, मैं अपनी गायों के स्वास्थ्य को लेकर काफी सजग रहता हूं। मैं समय-समय पर मेडिकल चेकअप के लिए ले जाता हूं और आम बीमारियों के लिए घरेलू नुस्खे भी जानता हूं। अफक मूल रूप से कानपुर देहात के रहने वाले हैं। वह कहते हैं कि हालांकि गायों को पालना मेरी जीविका का साधन है, लेकिन मैं खुशकिस्मत हूं कि पिछले तीस सालों से इस पवित्र पशु का सेवा कर रहा हूं।
Source: khaskhabar
कृपया इस महत्वपूर्ण जानकारी को अपने परिवार और मित्रों के साथ ज्यादा से ज्यादा शेयर करें!