
पार्किंसंस, हंटिंगटंस, अल्जाइमर और अमायोट्रॉफिक लेटरल स्क्लेरॉसिस (एएलएस) जैसी न्यूरोलोजिकल संबंधी खतरनाक बीमारियों का इफेक्टिव इलाज अब सिर्फ एक प्रोटीन में चेंजेसकर किया जा सकता है.
प्रोटीन का गलत तरीके से काम करना
हाल ही में एक रिसर्च के तहत शोधकर्ताओं ने ये पता लगाया है कि बीमारियां दिमाग में एक प्रोटीन के गलत तरीके से काम करने के कारण होती हैं. ये प्रोटीन गलत तरीके से फोल्ड होकर मसल्स सेल्स में जमा हो जाता है और अंतत: उसे खत्म कर देती हैं.
किसने की रिसर्च
ग्लैडस्टोन इस्टीट्यूट्स ऑफ कैलिफोर्निया के शोधकर्ताओं ने रिसर्च के दौरान बीमारी पैदा करने वाले प्रोटीन की कमी को पूरा करने के लिए एक अलग प्रोटीन (एनआरएफ2) का इस्तेमाल किया और कोशिका को बचाने में कामयाब रहे.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट
ग्लैडस्टोन इंस्टीट्यूट के स्टीवन फिंकबिनर ने कहा कि हमने हंटिंगटंस डिजीज, पार्किंसन डिजीज और एएलएस में एनआरएफ2 प्रोटीन का इस्तेमाल किया और इन बीमारियों से निपटने में अभी तक की रिसर्च में ये सबसे इफेक्टिव रहा है.